रविवार, 16 अप्रैल 2023

अनमोल आँवला...५

 आँवले के गुण....५


रस- मधुर, अम्ल, कटू, तिक्त, कषाय आँवले मे इन रसों कि है उपस्थिती । और लवण यानी नमक रस अनुपस्थित है।


विर्य-- (स्वभाव) थंडा (शित) होता है...।


आँवला सभी प्रकार से मनुष्य शरीर केलीये लाभकारी होता है....।


शरीरसे दोषों को बाहर निकालता है....।


यह पचने मे हल्का होता है...!


जठराग्नी को उद्दीप्त (Stimulation)

करता है...।


आहार का ठिक प्रकार से पाचन करता है...।


आँवला नियमित सेवन करते रहने से "आयु" (जिवन) सुखपुर्वक(बिना किसी बिमारी) व्यतीत होता है...।


आँवले का नियमीत सेवन कराने वाला व्यक्ती निर्भय होकर स्वस्थ , सबल जिवनयापन करता है....। 


आँवला जिवन को स्थिर करता है.........।


विवीध अनुपानों के साथ आँवला सेवन करने से रोगों को शांन्त करता है...। (सर्वरोग प्रशमनीं)


यह बुध्दी और इंद्रीयों को शक्ती प्रदान करता है...।


चरक संहीता के अनुसार आँवले के व्दारा जो बिमारीया  विषेंश रूप से ठिक होती है...। वे इस प्रकार है--


🔅 कुष्ठ (विवीध रक्त एवं त्वचा विकार )


🔅गुल्म (वायुगोला)


🔅उदावर्त (बडी आतं का एक रोग)


🔅पांण्डू रोग (ऐनिमीया)


🔅मदात्यय (लंबे समय से शराब पिने से होनेवाला रोग )


🔅अर्श (पाईल्स)


🔅ग्रहणी 


🔅जिर्ण विषम् ज्वर 


इस प्रकार के कई एसे रोगों मे विवीध अनुपानों के साथ सेवन करने से विवीध रोगों मे लाभप्रद होता है...!




आपका अपना....!

✍🏻...Logical_Appa



रविवार, 9 अप्रैल 2023

अनमोल आँवला...४

 


हमारी स्वदेशी चिकीत्सा पध्दति आयुर्वेद में आँवला अति विषीष्ट स्थान रखता है । 




आँवले के दिए गऐ गुण और विवीध आयुर्वेद  नामों का परीचय प्राप्त कर लेंगे तो । सुगमतापुर्वक आँवले के महीमा से परीचीत हो जाएंगे ।



१) अमृत फल -- अमृत के समान लाभप्रद फल ।




२) आमलकी -- शरीर में धातुओं को धारण करणे वाला फल । 


३) दिव्यधारा -- दिव्य आधार वाला अर्थात इसके सेवन से दिव्य गुणों की प्राप्ती होती है । 



४) धात्री -- इसे उम्र को धारण करणे वाला फल भि कहते है ।



५) वयस्था -- यह एक आयु प्रदान करणे वाला फल है ।



६) वृष्यफला -- इसके सेवन से यौन शक्ति बढाने मे बहोत मदत होती है



७) शितफला -- पिपासा को शांन्त करता है ।



८) तिष्यफला -- यह एक मंगल कारक फल है ।




...आपका __logical _Appa,..

रविवार, 2 अप्रैल 2023

अनमोल आँवला...३

 अनमोल आँवला भाग ३


आधुनिक दृष्टिकोण से आँवले मे पाए जाने वाले तत्वों का विश्लेषण ....!


आँवला....

आँवले के रस मे संतरे के रस से २० गुणा अधिक vit-c पाया जाता है । "आँवला" "vit-c" का सर्वोत्तम वनस्पतीक स्त्रोत माना जाता है । १०० ग्रॕम आँवले मे ६०० मिली ग्रॕम व्हिटामिन "सि" उपस्थित रहता है । 


आँवले के १०० मिली ताजा रस मे ९२१ मिलीग्रॕम vit-c पाया जाता है । एक बडे आँवले मे अंडे से जादा शक्ति होती है । 


प्रति १०० ग्रॅम आँवले के गुदे मे प्राप्त होने वाले विवीध तत्व इस प्रकार है-----


आद्रता -------- 81.2%


प्रोटीन ----------- 0.5%


वसा ---------------0.1%


खनिज द्रव्य -------0.7%


सुत्र (रेशे)----------3.4%


कार्बोहाईड्रेट ------14.1%


कैल्शियम----------0.05%


फॉस्फरस-----------0.02%


लोह-------------------1.2%


निकोटीनीक एसिड--0.2%


विटामिन A----------59 अन्तराट्रीय इकाई


vit-B1 (थायमिन)-30 मिलीग्रॕम 


नोकोटिनीक आम्ल-0.2 मिलीग्रॕम 

(नियासिन)


vit-E-------------स्वल्प मात्रा मे


उष्माशक्ति --------59 कॕलोरी


आँवाले मे गैलिक एसिड, टैनिक एसिड , शर्करा , अल्ब्युमिन, सेल्युलोज, तथा विवीध खनिज तत्व (मुख्यतः कॉल्शियम ) पाए जाते है । आँवला टैनिन का बेहतरीन स्त्रोत होता है...।



आपका...Logical_Appa....!



अनमोल आँवला.... २

नमस्कार आदरणीय वाचक वर्ग मै Logical_Appa आप के लीये आँवले का एक और बेहतरीन जाणकारी और उपयोग ले कर आया हू आशा करता हू कि आप को ये पोस्ट भि दिलचप्प लगे....! 




              रसायन आँवला...!


रसायन क्या है...? 
महर्षि अग्निवेश के अनुसार उत्तम रस आदी धातुओ को प्राप्त करने का जो उपाय है उसे ही रसायन कहते है...। 

महर्षी शारंगधर जी ने उस औषधी को "रसायन" कहते हुये संबोधीत किया है जो बुढापा ( जरा ) एवं व्याधी ( बिमारी ) को दुर करने वाली हो ।


"रसायनं च तज्ज्ञेयं यज्जरा व्याधीनाशनम् ।"    (शारंगधर )

रसायन के गुण ( आँवला के संदर्भ मे )
मनुष्य को रसायन औषधी सेवन से बहोत लाभ प्राप्त होते है कुछ आँवला रसायन के लाभ यहा बताता हू...!

१) व्यक्ती  दिर्घायु हो जाता है...।

२)  स्मरणशक्ती मे आशातीत लाभ होता है।

३) मेधा (धारणा) शक्ती बढ जाती है...।

४) आरोग्य बेहतर हो जाता है...।

५) व्यक्ती  तरूणावस्था से लाभांन्वीत होता है । वृध्द को भी नव यौवन सा अनुभव होने लगता है ।

६) व्यक्ती का शरीर कांन्तीमान हो जाता है ।

७) व्यक्ती कि वाणी उदार होने लगती है..। बोलने कि क्षमता बढ जाती है...।

८) वर्ण मे निखार ( कलर कॉम्प्लेक्शन ) आने लगता है...।

९) शरीर एवं सुक्ष्म चक्षु , श्रोत्र , घ्राण , इत्यादी इंद्रियों मे अपरिमीत शक्ति का संचार होता है ।

१०) मनुष्य को वाक् सिध्दी प्राप्त हो जाती है...!

११) मनुष्य बेहद विनंम्र हो जाता है

१२) शरीर सौष्ठव सुधारने लगता है 

आँवला मे इतने विषेश गुण होते है....। 
जो बाजार मे ४०-५० रू किलो से मिलता है 

✍🏻आपका ... Logical_Appa
फिडबॕक अवश्य दें..!

सोमवार, 27 मार्च 2023

अनमोल आवला...१

आँवला...!आमलकी....१




आवला वृक्ष (Emblica Officinalis) भारत का एक प्रमुख औषधीय पौधा है। यह एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है जो लगभग 8 से 18 मीटर ऊँचा होता है। इसके पत्ते 4 से 8 सेमी लम्बे होते हैं और यह हरा रंग का होता है। इस पौधे का फल आमतौर पर गोल और आकार में छोटा होता है, जिसका आकार लगभग 1 से 3 सेमी का होता है।


विभीन्न भाषाओं मे आँवले के नाम...

लॕटीन- एम्बलिका आफिसिनेलिस

संस्कृत- आमलकी , धात्री

बंगाली- आमलकी , आमला

मराठी , गुजराथी- आँवला

तमिल-नेल्लिकाई

तेलगू-उशिरीकई

कन्नड/मल्यालम् - नेल्लि

फारसी- आम्लज,आमल

फ्रेंच - फाईलेन्थे एम्ब्लिक 

इंग्लिश - एम्बलिक माइरोबलन

          - इंडीयन गुझबेरी


आवला वृक्ष फल से ज्यादातर फायदे प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। इसके फल में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके फल में फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन ए और विटामिन ई भी पाये जाते हैं।


प्रकार- आँवले दो प्रकार के होते है....

१) वन्य आँवला .. इसे जंगली आँवला भि कहते है..!

वह नैसर्गिक रूप से बिज प्रसार होकर होते है...!


२) ग्राम्य आँवला- ये आँवला बाग बगीचे और खेतोंमे लगाया जाता है...! इसके फल आकार मे छोटे होते है...


१)बिजुँ आँवला - ये बिज से पैदा होते है इनके फल छोटे होते है..! 


२)कलमी आँवला -ये कलम के व्दारा लगाऐ जाते है ...! अतः कलमी कहलाते है ..! इसके फल आकार मे बहुत बडे और जादा गुदेदार , रेशेरहीत तथा छोटी गुठली वाले होते है...! इन्हे शाही आँवला , बनारसी या काशी आँवला भि कहते है....!


आँवले के पत्ते इमली के पत्तोंकी तरह होती है..!

इस पर पिले रंग कि फुलं गुच्छो मे लगते है...! आँवला फल गोल मटोल , मांसल ,पिले हरे रंगवाला होता है..!


फल के बाहरी पुष्ठ पर छः रेखाये होती है भितर षटकोण वाल बिज होता है...! इसके फल फरवरी से मई मे लगते है ...!

फल अक्टूबर से अप्रेल तक प्राप्त होते है  । 


पतझड के उपरांन्त मार्च से अप्रेल के दौरान इसमे नई पत्तीया आ जाती है....।


✍🏻...आपका ... Logical_appa




How many types of Indian plants are there

 Indian Plant Diversity: 49K



Nagesh Sakhare

How many types of Indian plants are there?


India is a vast country with a diverse range of ecosystems and habitats, resulting in a rich flora with a large number of plant species. According to the latest available data from the Botanical Survey of India, there are about 49,000 plant species in India, which includes both flowering and non-flowering plants.


Out of these, about 21,000 species are flowering plants, which are further classified into various groups such as angiosperms, gymnosperms, and pteridophytes. Angiosperms are the most diverse group, with more than 18,000 species found in India.


It is important to note that the number of plant species in India is constantly changing as new species are discovered and taxonomic classifications are revised. Therefore, the above numbers may not be entirely accurate or up-to-date...


India is a vast country with a diverse range of ecosystems and habitats, which makes it home to a vast variety of plant species. According to the latest assessment by the Botanical Survey of India, there are about 50,000 plant species found in India.


Of these, approximately 33% are endemic to the country, meaning they are found only in India and nowhere else in the world. India's plant life is incredibly diverse, ranging from the tropical rainforests of the northeast to the alpine vegetation of the Himalayas, and from the mangroves of the Sundarbans to the Thar Desert.


It is worth noting that the number of plant species in India is constantly changing as new species are discovered and taxonomic revisions are made...!


yours....💖

Logical_Appa😀🙏🏻

अनमोल आँवला...५

 आँवले के गुण....५ रस- मधुर, अम्ल, कटू, तिक्त, कषाय आँवले मे इन रसों कि है उपस्थिती । और लवण यानी नमक रस अनुपस्थित है। विर्य-- (स्वभाव) थंडा...